नई दिल्ली । एशिया विकास बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर को कम देखकर चिंता व्यक्त की है। उनके अनुसार निजी निवेश और आवास मांग में कमी के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर को 2024-25 के लिए 6.5 प्रतिशत से कम कर दिया गया है। ऐसा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भी इस दर को कम कर दिया जाएगा। एशियाई डेवलपमेंट सिनेरियो की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी ट्रेड, फिजकल तथा इमीग्रेशन पॉलिसी में बदलाव की वजह से विकासशील एशिया और प्रशांत क्षेत्र में वृद्धि पर दबाव पड़ सकता है। इसके कारण महंगाई बढ़ सकती है और अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती हैं। एशिया और प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाएं 2024 में 4.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो थोड़े से कम है जो एडीबी द्वारा प्रस्तावित 5 प्रतिशत से। एशिया और प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाएं जल्दी ही महंगाई और उम्मीद से कम वृद्धि के बीच संतुलन की खोज करेंगी। एडीबी ने अगले वित्त वर्ष के लिए भी वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर पिछले सप्ताह 6.6 प्रतिशत कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती तथा खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी को देखते हुए मुद्रास्फीति का अनुमान भी बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया था। भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी, जबकि आरबीआई ने स्वयं इसके सात प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था।