मप्र की ड्रोन पॉलिसी अगले महीने होगी जारी
भोपाल। पिछले महीने रायसेन जिले में एक टाइगर शहरी इलाके में घुस आया, पुलिस, प्रशासन और वन विभाग परेशान हो गए। जब टाइगर को पकडऩा मुश्किल हुआ तो ड्रोन का सहारा लिया गया। ड्रोन के थर्मल और आरजीबी कैमरों की मदद से उसे ढूंढ लिया गया। इसी तरह, राजगढ़ जिले में फसल नुकसान का पता लगाने के लिए ड्रोन से सर्वे किया गया। ड्रोन ने सटीक डेटा और फोटो दिए, जिससे प्रभावित किसानों को मुआवजा मिल सका। इस तकनीक से उन किसानों का नाम भी सामने आया, जिन्हें पहले के सर्वे में शामिल नहीं किया गया था।
ड्रोन अब सरकारी कामकाज का अहम हिस्सा बन रहे हैं। ये तेजी और सटीकता से जानकारी जुटाने में मदद करते हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने ड्रोन तकनीक को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने के लिए एक पॉलिसी बनाने की तैयारी शुरू की है।
ड्रोन पॉलिसी पर चर्चा और वर्कशॉप
भोपाल में ड्रोन बनाने वाली कंपनियों, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ ड्रोन पॉलिसी पर चर्चा हुई। सरकार जल्द ही इस पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी करेगी। इसके अलावा, भोपाल में एक वर्कशॉप आयोजित की गई, जहां ड्रोन बनाने वाली कंपनियों और सरकारी प्रोजेक्ट्स में काम करने वाली एजेंसियों ने अपनी सेवाएं दिखाईं। ड्रोन तकनीक ने सरकारी काम को आसान, तेज और सटीक बना दिया है। यह न सिर्फ समय बचा रही है, बल्कि लोगों तक सही मदद पहुंचाने में भी कारगर साबित हो रही है। कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में ड्रोन टैक्सी का मॉडल भी आया। इनसाइट एविएशन कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया हमारी ड्रोन टैक्सी अभी ट्रायल फेज में हैं। इसका छोटा मॉडल तैयार किया गया है। सरकारी मंजूरियां मिलने के बाद ड्रोन टैक्सी मार्केट में उतारी जाएगी। भीड़ भाड़ वाले इलाकों में ये मददगार साबित होगी।
ड्रोन सूचना पोर्टल लॉन्च
भोपाल में आयोजित ड्रोन वर्कशॉप के दौरान सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया हितेश कुमार मकवाना, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे, और एमपीएसईडीसी के प्रबंध निदेशक आशीष शीष वशिष्ठ ने मिलकर ड्रोन सूचना पोर्टल लॉन्च किया। हितेश मकवाना ने कहा कि पिछले छह सालों में भारत ने ड्रोन टेक्नोलॉजी में बड़ी प्रगति की है। शुरुआती सीमित उपयोग से अब यह एक बहुउपयोगी उपकरण बन गया है। भारत सरकार की ड्रोन नीति ने इसके व्यापक उपयोग का रास्ता खोला है। मध्यप्रदेश ने स्वामित्व योजना जैसी योजनाओं में ड्रोन का सफलतापूर्वक उपयोग किया है और इसे एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित किया है। ड्रोन टेक्नोलॉजी सटीक, सुलभ और कम लागत वाली तकनीक साबित हो रही है। अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने ड्रोन को सिर्फ फ्लाइंग कैमरा के बजाय एक गेम-चेंजिंग टेक्नोलॉजी बताया, जो विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है। मध्यप्रदेश में इस तकनीक के व्यापक उपयोग की संभावनाएं हैं, जिससे नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। ड्रोन टेक्नोलॉजी मध्यप्रदेश को भविष्य के लिए तैयार कर रही है और इसे एक स्मार्ट, तेज और किफायती तकनीक के रूप में स्थापित कर रही है।