1 साल में दी गईं 156 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज
नई दिल्ली: देश में आज (रविवार को) कोरोना वैक्सीनेशन (Vaccination) को एक साल पूरा हो गया है. पिछले साल आज (16 जनवरी) ही के दिन देश में वैक्सीनेशन अभियान (Vaccination) की शुरुआत हुई थी. देश में शनिवार शाम तक कोरोना वैक्सीन की 156 करोड़ से अधिक डोज दी जा चुकी हैं, जिनमें से 65 करोड़ से ज्यादा वो लोग हैं जिन्हें वैक्सीन (Vaccine) की दोनों डोज मिल चुकी हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन अभियान को सबसे कामयाब अभियान बताया है.
भारत में सफल हुई 'वैक्सीन क्रांति'
आज से ठीक एक साल पहले देश में वैक्सीन क्रांति हुई थी. 16 जनवरी 2021 को देश में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई थी. सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और बुजुर्गों को वैक्सीन दी गई. इसके बाद धीरे-धीरे 18 साल से अधिक आयु के सभी नागरिकों के लिए वैक्सीन का सुरक्षा कवच उपलब्ध करवाया गया. कोरोना से लड़ाई में वैक्सीन एक कारगर हथियार बनकर उभरा. 10 महीने से भी कम समय में देश ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन के शिखर को हासिल कर लिया.
'वैक्सीन क्रांति' का नया चरण देश में शुरू
गौरतलब है कि बीते 25 दिसंबर को वैक्सीन क्रांति का नया चरण शुरू हुआ, जब पीएम मोदी ने बूस्टर डोज और बच्चों के वैक्सीनेशन के शुभारंभ की घोषणा की. वैक्सीनेशन का एक साल पूरा होने के मौके पर स्वास्थ्य मंत्रालय #1YearofVaccineDrive के नाम से हैशटैग शुरू कर रहा है.
वैक्सीनेशन में भारत का शानदार रिकॉर्ड
एक साल के दौरान भारत ने कोरोना वैक्सीनेशन में शानदार रिकॉर्ड कायम किया है. देश में शनिवार शाम तक कोरोना वैक्सीन की 156 करोड़ से अधिक डोज दी जा चुकी हैं. इनमें 90 करोड़ 68 लाख से अधिक पहली डोज और 65 करोड़ 51 लाख से अधिक दूसरी डोज शामिल हैं. शनिवार शाम तक 15 से 18 साल आयु वर्ग के बच्चों को 3 करोड़ 36 लाख से अधिक डोज लगाई गईं जबकि 42 लाख से अधिक बूस्टर डोज भी लगाई जा चुकी हैं.वैक्सीनेशन में भारत की कामयाबी अपने आप में एक मिसाल है. देश के हेल्थ वर्कर्स ने एक दिन में इतने लोगों को वैक्सीन लगाई है, जो दुनिया के कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है. दुनिया के कई विकसित देशों में भी वैक्सीनेशन की रफ्तार भारत से कम है. वैक्सीनेशन कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी मददगार साबित हुआ है और अब इंतजार है उस दिन का जब 15 साल से नीचे के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होगा ताकि देश की पूरी आबादी को वैक्सीन का सुरक्षा कवच मिल सके.