अहमदाबाद । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात के द्वारका में कांग्रेस के चिंतन शिविर को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गुजरात में मुझे हमेशा कुछ-न-कुछ सीखने को मिलता है, क्योंकि आप लोग बहुत ही अनोखे ढंग से काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी गुजरात से पैदा हुई है। उस वक्त हर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी उठी थी। विचारधारा और पार्टी की दिशा एक गुजराती ने दी थी। उसमें नेहरू जी, सरदार पटेल, सुभाषचंद्र बोस इत्यादि लोग थे। लेकिन पार्टी को दिशा महात्मा गांधी ने दिखाई थी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता गांधी और बाकी के नेताओं में बहुत ज्यादा फर्क था। मेरे परदादा गांधी जी के  साथ काम करते थे और मैंने उनकी एक चिट्ठी पढ़ी थी। नेहरू जी चिट्ठी में लिखते हैं कि एक मामले को लेकर मेरी गांधीजी के साथ बातचीत हुई है और मेरा मत कह रहा है कि इस मामले में गांधी जी गलत बोल रहे हैं, लेकिन मैं अंदर से जानता हूं कि मेरा दिमाग जो कह रहा है कि वहां गलत हैं और वहां मैं सही हूं लेकिन मैं जानता हूं कि वहां सही हैं और मैं गलत हूं। इसी बीच राहुल गांधी ने भगवान कृष्ण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब लड़ाई हुई, तब भगवान कृष्ण ने बड़ी होशियारी के साथ सवाल पूछा कि तुम्हें सेना चाहिए या फिर कृष्ण चाहिए। यह कोई मामूली सवाल नहीं बल्कि बहुत ही गहरा सवाल है। इस सवाल के माध्यम से कृष्ण भगवान यह पूछ रहे थे कि तुम्हें सच्चाई की लड़ाई लड़नी है या फिर छूठ की। अगर सच्चाई की लड़ाई लड़नी है, तब सिर्फ 4-5 लोगों की जरूरत है और अगर छूठ की लड़ाई लड़नी है,तब सबकुछ उठाकर ले जाओ।
उन्होंने कौरवों के 100 भाईयों की तुलना सीबीआई, ईडी इत्यादि से की। उन्होंने कहा कि गुजरात हमें यह सिखाता है कि एक तरफ सत्ता, सीबीआई, ईडी, मीडिया, कौरव हो तो कुछ फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि वह माया है और दूसरी तरफ सच्चाई। उन्होंने गांधी जी की तस्वीर की तरफ ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि सच्चाई ऐसी होती है। राहुल गांधी ने कहा कि करता कौन है और बोलता कौन है। इस पर कांग्रेस में डिस्कनेक्ट है। एक तरफ़ कांग्रेस में वहां लोग हैं, जो 24 घंटे लगे रहते हैं, लाठी खाते हैं। दूसरी तरफ  वहां है जो एसी में बैठते हैं, मौज करते हैं और लंबे भाषण देते हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों को हमें कांग्रेस की लिस्ट दिखानी है कि एक तरफ काम के लोग हैं, ये लोग गुजरात को रास्त दिखा देने वाले है। दूसरी तरफ़ वे लोग हैं, जो परेशानी पैदा करते हैं।